कॉलेज का पहला दिन... (Chapter-1)
आज मेरा कॉलेज का पहला दिन था... हर कोई जब पहले दिन कॉलेज जाता है तो ना जाने कितना उत्साह अंदर उमड़ता रहता है। सबकुछ पाने की सबकुछ देखने की और बहुत कुछ करने की इच्छाएं मन मे जगह बनाती है और हम थोड़ा डरते भी है... और साथ ही ऐसा लगता है जैसे आसमान में हो क्योंकि अब जाकर पहली बार हम अपने घर से कही दूर आये होते है...
ऐसा ही कुछ हाल था मेरा आज वो पहला दिन है जब मैं सच मे कुछ बनने का सोचने की जगह कुछ बनने की कोशिश करने जा रहा था... और शायद ये मेरी जिंदगी का पहला ऐसा कदम था, जहाँ से अब सारे रास्ते मुझे खुद ही तय करने थे।
कॉलेज शुरू होने के 2दिन पहले ही मैंने कमरा ले लिया था, हम दो दोस्त साथ ही आये थे लेकिन उसने c.s चुना और मैंने मैकेनिकल.... वैसे तो कॉलेज में दाखिले के लिए 2...3 बार आ चुके थे।
लेकिन वो पहला दिन, जब कंधे पर एक बैग जिसमे एक कॉपी और सीधे-साधे कपड़ो में तैयार होकर गेट पर पहुचे तब जैसे दिल की धड़कन बढ़ गयी... एक वो दिन था जब पहली बार स्कूल भेजा जा रहा था और रोते हुए मैं ना जाने की ज़िद कर रहा था और एक आज का दिन है, जब एक बार फिर धड़कन शायद उतनी ही तेज़ दौड़ रही थी जैसे वही पहला दिन हो।
और एक नए अध्याय की शुरुवात के लिए मैंने कॉलेज में कदम रक्खा, वेटिंग रूम के बाहर लगे बोर्ड पर अपना नाम और क्लासरूम ढूंढकर बाहर निकला ही था कि एक बन्दे से टकराया और टकराते ही उसने ऊपर देखते हुए कहा "क्या भाई दिखता नही है क्या?" मैं कुछ बोलता उससे पहले ही अचानक उसके चेहरे का भाव बदला और मुस्कुराते हुए पूछा "किस ब्रांच के हो भाई?" मैंने कहा "मैकेनिकल" उसने पूछा "फ्रेशर हो?" मैंने हाँ में जवाब दिया और वो बिना किसी पहचान के मेरे साथ हो लिया और कहा चलो चलते है।
अब जब मैं क्लास में पहुचा तो देखा कि सीनियर्स रैगिंग ले रहे थे, और जिससे मैं टकराया था वो भी सीनियर ही था। फिर क्या था ये सब देख के होश ही उड़ गए पैर कापने लगे क्योंकि सारे लड़को के चेहरे एकदम उतरे हुए थे मैं समझ गया कि आज अपनी खैर नही। मुझे कुछ भी अच्छा नही लग रहा था और चेहरे का भाव बिल्कुल बदला हुआ था , मै ना ही गुस्सा कर सकता था और ना ही दुखी हो सकता था, ना वहाँ से जा सकता था और ना ही कुछ कह सकता था, इतने में जो मुझसे टकराया था वो आगे आया और कहा "इस गेट से जो लड़की अंदर आएगी उसे प्रपोज़ करना है।"
अब यू तो स्कूल में ऐसे किसी को प्रपोज़ किया नही था मैंने पर आगे की रैगिंग से बचने के लिए ये मुझे करना ही था... तो मैं दरवाज़े के पास जाकर खड़ा हुआ और इतने में एक लड़की अंदर आयी, सबकुछ ऐसे हो रहा था जैसे सब तय हो... और उसके अंदर आते ही मैं उसकी तरफ बढ़ा और उसको बिना देखे ही उससे कहा "I. Love. U" वो पलटी और जैसे ही उसका चेहरा मेरे सामने आया तो बस जैसे मेरी जुबान लड़खड़ा सी गयी मेरे ख्याल उसकी खूबसूरती में खोते, इतने में उसने एक जोर का थप्पड़ मेरे गालो पर रख दिया... मैं कुछ कहता उससे पहले उसने कहा "तुम हो कौन, तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ये सब कहने की"... मैंने सीनियर्स की तरफ हाथ कर के कहा कि उन्होंने कहा था, इतने में पीछे से आवाज़ आयी सुन (नाम नही लिख रहा हू) उसकी रैगिंग चल रही है। अब तो जैसे मेरे सारे अरमान अचानक से जमीन पर गिरकर टूट गए हो, जैसे खूबसूरती से धुंधली हो चुकी आंखों के आगे से पर्दा हटा हो और दिमाग मे बात आयी कि "यार ये तो सीनियर है..." और वो सॉरी बोलकर चली गयी।
फिर कुछ देर की रैगिंग या कहे कि पहचान के बाद सब अपनी अपनी क्लासेज में चले गए, पर मैंने तो जैसे पहले ही दिन पढ़ाई के अलावा भी कॉलेज आने का बहाना ढूंढ लिया हो... पढ़ाई के साथ साथ दिमाग कहि और चलाने का हिसाब कर लिया हो... किताबो को पढ़ने के अलावा चेहरे पढ़ने की कोशिशें शुरू कर दी हो,, अब उस चेहरे को अपनी आंखों से तो ना सही पर ख्यालो से निकालने की नामुमकिन सी कोशिश जारी थी क्योंकि क्लास में टीचर आ चुके थे।। और अब धीरे धीरे कॉलेज का वो पहले दिन खत्म होने को था जिसके शुरू होने से पहले तक अनगिनत भाव मन में उठ रहे थे, पर इस दिन के खास होने की वजहों में अब वजह जुड़ चुकी थी। 2...4 दोस्त भी बन चुके थे क्लास में और अब हम क्लासेज खत्म कर बाहर निकल रहे थे। वैसे बाहर निकलते वक्त मेरे कदमो को तो नही पर शायद मेरी आँखों को थोड़ी हड़बड़ी जरूर थी जैसे कुछ खोया हुआ तलाशना हो, पर वो हड़बड़ी अचानक चेहरे पर तब निराशा लेकर आयी जब ये पता चला कि सीनियर्स हमसे पहले ही चले जाते है।
और बस वही उन आंखों का वो एक नज़र और देखने का इंतज़ार खत्म हुआ और अगली सुबह का इंतज़ार लिए मैं वापस रूम पर आ गया ।
Chapter - 2
मोहब्बक्त की बात
कॉलेज में जाते हुए कई दिन बीत चुके थे अब सब्जेक्ट्स का बोझ सिर पर बढ़ता जा रहा था और जैसे जैसे मैं उस चेहरे को और ज्यादा देख रहा था वैसे वैसे...
Fabulous lines....
ReplyDeleteExtraordinary..
Thank u so much for your appreciation
DeleteFabulous lines....
ReplyDeleteExtraordinary..
Awsm Bhai....movie banane layak story hai ye toh💕💕
ReplyDeleteAre abi ruk jaa bhai climax to aane de...
DeleteBhaiya clg k din mt yad dilao, Rona aa jayega
ReplyDeleteYrr college k din hmesa saath chlte hai...
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